वैज्ञानिक ई1
राजीव गांधी जैव प्रौद्योगिकी केंद्र
हमारी प्रयोगशाला दुनिया के सबसे बड़े संक्रामक हत्यारे, माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस, जो तपेदिक का कारक है, पर केंद्रित है। इस जीवाणु ने बड़ी संख्या में तपेदिक रोधी दवाओं के प्रति व्यापक प्रतिरोध दिखाना शुरू कर दिया है, जो दुनिया भर में सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक बन गया है। हम उन मूलभूत तंत्रों की जांच करते हैं जिनके द्वारा बैक्टीरिया मेजबान प्रतिरक्षा प्रणाली से बचते हैं और मानव शरीर में एक सुरक्षात्मक जगह बनाते हैं। हम मेजबान-रोगज़नक़ संपर्क का अध्ययन करने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग करते हैं।
हम क्लैमाइडिया संक्रमण के रोगजनन का भी अध्ययन करते हैं, जो यौन संचारित संक्रमणों का सबसे आम कारण है। एक अनिवार्य इंट्रासेल्युलर परजीवी के रूप में, क्लैमाइडिया मेजबान कोशिकाओं को एक इंट्रासेल्युलर जीवनशैली जीने के लिए चयापचय रूप से पुनः प्रोग्राम करता है। मेरा समूह मेजबान-रोगज़नक़ संपर्क और कैसे रोगज़नक़ मेजबान प्रतिरक्षा प्रणाली से बचता है, इस पर ध्यान केंद्रित करता है।
राजीव गांधी जैव प्रौद्योगिकी केंद्र
बायोमेडिसिन विभाग, आरहूस विश्वविद्यालय, आरहूस डीके-8000, डेनमार्क।
यूनी क्लिनिकम, वुर्जबर्ग और यूनिवर्सिटी ऑफ वुर्जबर्ग, वुर्जबर्ग, जर्मनी
यूनिवर्सिटी ऑफ वुर्जबर्ग / यूनी क्लिनिकम वुर्जबर्ग, वुर्जबर्ग, जर्मनी
स्नातक स्कूल ऑफ लाइफ साइंसेज, यूनिवर्सिटी ऑफ वुर्जबर्ग/यूनी-क्लिनिकम वुर्जबर्ग, वुर्जबर्ग, जर्मनी
भारतीय कृषि विज्ञान परिषद, केरल कृषि विश्वविद्यालय
भारतीय कृषि विज्ञान परिषद, कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय, बैंगलोर