वैज्ञानिक जी एवं एसोसिएट डीन (अनुसंधान प्रशासन एवं संकाय मामले)
राजीव गांधी जैव प्रौद्योगिकी केंद्र
प्रयोगशाला एमएस-आधारित मेटाबोलोमिक्स के उपयोग की जांच करती है और इंसुलिन प्रतिरोध विकसित करने में टाइप 2 मधुमेह के लिए स्वतंत्र जोखिम कारक समय के साथ कैसे विकसित होते हैं। हम एडीपोसाइट हाइपरट्रॉफी और हाइपरप्लासिया को कम करने में आणविक स्विच के रूप में miRNA का उपयोग करके PPAR गामा के विनियमन का भी अध्ययन करते हैं, क्योंकि मोटापा और मधुमेह आपस में जुड़े आणविक संबंधों के कारण अत्यधिक जुड़े हुए हैं।
राजीव गांधी जैव प्रौद्योगिकी केंद्र
राजीव गांधी जैव प्रौद्योगिकी केंद्र
मास स्पेक्ट्रोमेट्री और प्रोटिओमिक्स कोर सुविधा, राजीव गांधी जैव प्रौद्योगिकी केंद्र
राजीव गांधी जैव प्रौद्योगिकी केंद्र
चेल्लाराम डायबिटीज़ इंस्टिट्यूट, पुणे, भारत
मेयो क्लिनिक कॉलेज ऑफ मेडिसिन, रोचेस्टर, एमएन, यूएसए
मेयो क्लिनिक कॉलेज ऑफ मेडिसिन, रोचेस्टर, एमएन, यूएसए
एंडोक्राइनोलॉजी विभाग, एम्स, नई दिल्ली, भारत
मेयो क्लिनिक कॉलेज ऑफ मेडिसिन, रोचेस्टर, एमएन, यूएसए
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान / जामिया मिलिया विश्वविद्यालय, नई दिल्ली
महात्मा गांधी विश्वविद्यालय, कोट्टायम, केरल, भारत